गणतंत्र दिवस
Republic Day Of India -
भारत (India ) में हर साल गणतंत्र दिवस ( Republic Day ) पर मुख्य अतिथि ( Chief Guest ) बुलाने की परम्परा रही है, इस साल मिस्र के राष्ट्रपति इस मौके पर मुख्या अतिथि होंगे | गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का विशेष आदर सत्कार होता है और विदेशी प्रतिनिधियों के लिए भी यह एक बड़े सम्मान की बात होती है | गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के चयन की प्रक्रिया ही छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है |
मुख्य अतिथि (Chief Guest )-
भारत में दो साल बाद गणतंत्र दिवस (Republic Day Of India ) पर कोई मुख्य अतिथि आ रहा है , इस बार के मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति (President Of Egypt ) अब्देह फ़तेह अल सिसि होंगे जिन्होंने हल ही में गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार किया है | वे पहले मिस्र के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख रह चुके है | गणतंत्र दिवस के अतिथियों का विशेष सम्मान के साथ सत्कार किया जाता है और उन्हें विशेष गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया जाता है | गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि चुने जाने की एक पूरी प्रक्रिया (Process of choosing chief guest for Republic Day in India) होती है जिसमे कुछ समय भी लगता है |
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छह महीने की प्रक्रिया -
भारत में गणतंत्र दिवस पर किसे मुख्य अतिथि के लिए बुलाना है ,प्रक्रिया छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है | उन्हें निमंत्रण भेजना, उनके जवाब आने के बाद उनके आने पर उनके ठहरने और पूरी विशेष तरह से मेहमान नवाजी देना, गणतंत्र दिवस में उन्हें विशेष गार्ड ऑफ़ ऑनर देना, विशेष भोज, आदि कई कार्यक्रमों की तैयारी शामिल होती है |
बहुत सोच विचार की जरुरत -
लेकिन मुख्य अतिथि के तौर पर किसे चुनना है इस पर भी काफी सोच विचार किया जाता है, आमंत्रण भेजने से पहले कई पहलुओ पर विचार करना पड़ता है इसमे सबसे प्रमुख भारत और उस देश के संबंधो का ध्यान रखना पड़ता है जिसका प्रतिनिधि बुलाया जा रहा है इस आमंत्रण का एक अर्थ दोनों देशो के बीच दोस्ती को परिलक्षित करता है या फिर इसे एक तरह से दोस्ती का हाथ बढ़ने के लिए अहम् कदम की तरह भी देखा जा सकता है |
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और भी कई पहलू -
आमंत्रित अतिथि के देश से भारत के राजनैतिक, व्यावसायिक, सैन्य, आर्थिक अन्य हितो पर कैसा प्रभाव है और होगा इसका भी खास ख्याल रखा जाता है | इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाता है कि आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से तो हमारे संबंध ख़राब नही होंगे | भारतीय विदेश मंत्रायल के लिए दो देशो के बीच संबंध मजबूत करने का एक बढ़िया मौका है |
ऐतिहासिक संबंधो का भी महत्त्व -
मुख्य अतिथि का चयन करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि उस देश से भारत के ऐतिहासिक संबंध कैसे रहे है, जैसे मिस्र भारत के लिए अहम देश है क्योंकि वह 1950 और 1960 दशक में निरपेक्ष आन्दोलन में एक प्रमुख साथी रहा है | इस आन्दोलन का मकसद कभी औपनिवेशिक रहे देशो को शीत युध्द की चपेट में आने से बचाना था, 1950 इस आन्दोलन के सदस्य देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया था |
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पुरे कार्यक्रम की जानकारी -
यही वजह होती है कि हमेशा विदेश मंत्रालय मुख्य अतिथि के रूप में एक से ज्यादा विकल्प लेकर चलता है और इस सूची में प्राथमिकताये तक तय की जाती है कई बार एक से ज्यादा देशो के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जा सकता है | इसके बाद विदेश मंत्रालय अतिथि के देश से बातचीत शुरू करता है जिससे पुरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आमंत्रण की जानकारी दी जाती है |
एक बार आमंत्रण स्वीकार होने की स्थिति में बहुत आगे की तैयारीयों को मूर्त रूप देना शुरू हो जाता है, जैसे मुख्य अतिथि के साथ कौन-कौन लोग आयेंगे | उनका निजी स्टाफ जिसमे सुरक्षाकर्मियों से लेकर चिकीत्सक, अन्य अधिकारी शामिल होते है | अतिथि के परिवार के सदस्य भी आते है जिनके लिए भी उसी सावधानी से व्यवस्थाये की जाती है, गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि पुरे कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होते है |
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Q-भारत को गणतंत्र क्यों कहा जाता है ?
Ans-हालांकि भारत 15 अगस्त, 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया था, इसने 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अपनाने के साथ खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया ।
Q -26 जनवरी का इतिहास क्या है ?
Ans -26 जनवरी 1950 को देश में पहला गणतंत्र (Republic Day History) मनाया गया और इसी दिन से भारतीय संविधान लागू हुआ था. इससे पहले जिस संविधान सभा ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया, उसने अपना पहला सत्र 9 दिसंबर 1946 को आयोजित किया था. इसका अंतिम सत्र 26 नवंबर 1949 को हुआ और इसके बाद संविधान को अपनाया गया.|
Q -26 जनवरी 2023 को भारत कौन सा गणतंत्र दिवस मना रहा है ?
Ans -Republic day 2023 : देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है.|
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