शिव और सती का विवाह 

शिव शंकर (भोलेनाथ )-



कई वेदों और पुराणों में कहा गया है कि शिव आजन्मा , अनादिकाल , अनंता है वे ना पैदा हुए ना मरेंगे | शिव एक प्रकार की शक्ति का स्वरुप है | उनको कर्म योगी , धर्मयोगी और स्रष्टि के रचनाकार भी है , उन्ही की शक्तियों से कुबेर , काल , देवियों का सृजन हुआ इसी कारण उन्हें देवो के देव महादेव कहा गया है |

सती (शक्ति )-



पुराणों में कहा गया है कि जब ब्रह्मा जी स्रष्टि की रचना कर रहे थे तब ब्रह्मा जी ने शिव जी से मानव की रचना के लिए शिव शक्ति माँगा , शिव जी ने मानव और स्रष्टि की रचना के लिए अपनी शिव शक्ति को अपने शरीर से एक स्त्री के रूप में अलग किया जिसका बाद में नाम सती , पार्वती और गौरी अन्य नामो से पुकारा गया |

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शिव शक्ति का स्त्री के रूप में जन्म -



इस रहस्य को बहुत कम लोग जानते है कि शिव जी अपनी शिव शक्ति को पाने के लिए कई बार विवाह किया एक बार सती के रूप में फिर पार्वती , फिर एक बार गौरी के रूप में | 


      दक्ष प्रजापति की कई पुत्रिया थी सभी पुत्रियाँ गुणवती थी फिर दक्ष के मन में संतोष नही था | वे चाहते थे उनके घर ऐसी पुत्री का जन्म हो, जो सर्व शक्तिसंपन्न हो एवं सर्व विजयिनी हो जिसके कारण दक्ष ऐसी ही पुत्री के लिए तप करने लगे तप करते -करते अधिक दिन बीत गए, तो भगवती आद्या ने प्रकट होकर कहा , मै तुम्हारे तप से प्रसन्न हूँ |तुम किस कारण वश तप कर रहे हो ? दक्ष ने तप करने का कारण बताया तो माँ बोली मै स्वयं पुत्री रूप में तुम्हारे यहाँ जन्म धारण करुँगी | मै सती के रूप में जन्म लेकर अपनी लीलाओं का विस्तार करुँगी |

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शिव और सती का विवाह -



जब सती विवाह योग्य हो गयी , तो दक्ष को उनके लिए वर की चिंता होने लगी | उन्होंने ब्रह्मा जी से इस विषय में परामर्श किया , ब्रह्मा जी ने कहा, सती आद्या का अवतार है | आद्या आदि शक्ति और शिव आदि पुरुष है | 
      अतः सती के विवाह के लिए शिव ही योग्य और उचित वर है | दक्ष ने ब्रह्मा जी की बात मानकर सती का विवाह भगवन शिव के साथ कर दिया, सती कैलाश में जाकर शिव के साथ रहने लगी, किंतु एक ऐसी घटना घटित हो गयी जिसके कारण दक्ष के ह्रदय में भगवन शिव के प्रति बैर और विरोध भाव पैदा हो गया |


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Q- शिव और सती कौन थे ?
Ans-सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी।
Q -भगवान शिव ने सती का त्याग क्यों किया ?
Ans -बाबा भोलेनाथ तीनों लोकों के स्वामी हैं, उनसे कुछ भी छुपा नहीं है, वो सब कुछ जान गए थे कि सती भगवान राम का परीक्षा लेकर आ रही हैं, यह जानने के बाद शिव शंभु ने सती का मन ही मन त्याग कर दिया। सती जी बिना आदेश के पिता के घर गई यज्ञ में कूदकर देह त्याग दिया।
Q-जब सती की म्रत्यु हुयी तो शिव का क्या हुआ ? 
Ans -वे माता सती के मृत शव को लेकर धरती-आकाश में तांडव करने लगे. जब श्रीहरि ने शिवजी के इस क्रोध को देखा तो उन्होंने जल्द से जल्द हल निकालने की कोशिश की. अंतत: उन्होंने भगवान शिव की पत्नी के मृत शरीर को स्पर्श कर भस्म में बदल दिया. हाथों में माता सती का भस्म देखकर महादेव और परेशान हो गए